22 January 2011

Day 24, Home, Jabalpur (M.P.)

आज मैंने एक कर्रेंट टॉपिक पे लेख लिखा है... उम्मीद है, आप सभी को पसंद आएगा...

Heading :


बहु बड़ी न सास, सबसे बड़ी है प्याज


आज कल हर घर में एक बात आम है कि प्याज क्या भाव है. घर-घर में सास-बहु, माँ-बेटी में यही चर्चा ज़ोरों पर है. ये कहानी घर घर की है. आने वाले सालों में अगर यही हाल रहा तो ये दृश्य देखने मिलेगा कि प्याज अजायबघरों में राखी जाएगी. विभिन्न प्रतियोगिताओं में इनाम में प्याज मिलेगी जैसे पहला इनाम - ६ किलो प्याज आदि और सांत्वना पुरस्कार में प्याज कि फोटो मिलेगी घरों में सजाने को. आज के इस भ्रष्ट वातावरण में जब कोई सरकारी अफसर किसी का काम आगे बढ़ने के लिए रिश्वत लेता है तो पैसों कि जगह १-२ बोरी प्याज लेने लगेगा. अगर हम इतिहास में झांकें तो जैसे विशाल सरिस्रप विलुप्त हो गए वैसे ही कुछ दिनों बाद प्याज भी विलुप्त हो जाएगी. ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद आदमी कि ज़िन्दगी बदल जाती है लेकिन जब दुल्हे को खाने में प्याज कि कमी लगेगी तो वो कहेगा कि दहेज़ में ९-१० बोरा प्याज के लेगा... ऐसा होने के बाद लोग कहेंगे कि प्याज मिलने के बाद आदमी कि ज़िन्दगी बदल जाती है. प्रेमी युगल भी इससे अछूते नहीं रहेंगे. जो मज़ा प्रेमियों को प्रेमिकाओं को देखने में आता है वो कुछ समय बाद प्याज को देखने में आने लगेगा. सगाई के समय लोग अंगूठी कि जगह प्याज कि अंगूठी पहनेंगे. कपड़ों कि दूकान में एक सूट के साथ एक किलो प्याज फ्री मिला करेगी. फक्ट्रियों, ऑफिसों में वेतन की जगह प्याज मिला करेगी. हौरार शो में भूत कि जगह प्याज उड़-उड़ के डराया करेगी और ये घटनाक्रम ऐसे ही चलता रहेगा...
तो प्यारे भाइयों और उनकी बहनों, एकजुट होकर कुछ ऐसा करो कि महंगाई का नाश हो क्योंकि जो गरीब, जिसका भोजन ही प्याज रोटी नमक है, वो क्या कहेगा... ये ज़रा सोचने वाली बात है...

आपका... आपका ही तो 
Vicky Tiwari