05 December 2010

Day 18, Home, Jabalpur (M.P.)

Wo Gazal...


उसने
कागज़ को
होठों से दबाकर
जो फेंका तो
लिपिस्टिक ग़ज़ल हो गयी
और
मैंने उसे उठा कर
जो ज़हन से लगाया
तो वो
उम्र कि
सबसे बड़ी
धरोहर हो गयी
खुदा का फज़ल हो गयी
मीरा का भजन हो गयी
अब मेरी ज़िन्दगी
खुद एक ग़ज़ल हो गयी...


Vicky Tiwari


Thought for The DayAap agar har kaam faayede ke liye karte hain to yaad rakhiye aap ab tak kaee baar nuksaan utha chuke hain...


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